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श्री योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री
श्री दीपक कुमार , I.A.S
प्रमुख सचिव
माध्यमिक शिक्षा
डॉ० महेंद्र देव , I.A.S
शिक्षा निदेशक
माध्यमिक शिक्षा

हमारे बारे में

माध्यमिक शिक्षा का सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था में विशेष महत्त्व है | वर्ष १९७२ तक प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा , शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश के नियंत्रण , निर्देशन एवं प्रशासन के अधीन थी | शिक्षा के बढ़ते कार्यों , विद्यालयों एवं नये - नये प्रयोगों के कुशल संचालन के कार्यक्रम को अधिक गतिशील एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से १९७२ में शिक्षा निदेशालय के विभाजन का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया , जिसके अनुसार शिक्षा का प्राथमिक , माध्यमिक , उच्च तीन खण्डों में विभाजित किया गया |

राजकीय विद्यालयों का ऑनलाइन विश्लेषण

निरीक्षण की संख्या

विद्यालयों की संख्या

अध्यापकों की संख्या

अलंकर-आकड़ा

वर्तमान वर्ष में भरे गए टाइम-टेबल के विद्यालय-वार आकड़ों के आधार पर (शीर्ष 10) जिले

राजकीय विद्यालयों की संख्या का भौगोलिक मानचित्र में प्रदर्शन

शीर्ष 10 निरीक्षित जनपद ( नवम्बर )

क्र.सं. जिला निरीक्षण
1 MEERUT 19
2 GHAZIABAD 17
3 HAPUR 17
4 PRAYAGRAJ 17
5 JHANSI 14
6 BANDA 12
7 MATHURA 12
8 SIDDHARTH NAGAR 12
9 AGRA 11
10 HATHRAS 10

Bottom 10 निरीक्षित जनपद ( नवम्बर )

क्र.सं. जिला निरीक्षण
1 BALLIA 0
2 BAHRAICH 0
3 AMBEDKAR NAGAR 0
4 BAREILLY 0
5 CHANDAULI 0
6 DEORIA 0
7 FATEHPUR 0
8 HARDOI 0
9 JALAUN 0
10 JAUNPUR 0

माध्यमिक शिक्षा विभाग आपका स्वागत करता है

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मू ल्यांकन एवं अनुश्रवण कर शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हेतु माध्यमिक विद्यालयों का श्रेणीकरण (ग्रेडिंग) किये जाने के सम्बन्ध में माध्यमिक स्तर की शि़क्षा में सुधार कर शैक्षिक गुणवत्ता में संवर्द्धन करने के उद्देश्य से मूल्यांकन एवं अनुश्रवण कर शैक्षिक गुणवता में सुधार हेतु प्रभावी कार्यवाही किये जाने के अर्न्तगत प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों का श्रेणीकरण (ग्रेडिंग) कराये जाने का निर्णय लिया गया है।

शै क्षिक गुणवता में सुधार हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण एवं श्रेणीकरण के लिए ऑन-लाइन डाटाबेस प्रपत्र विकसित किया गया है जिसके मूल्यांकन का आधार त्रैमासिक रखा गया है।

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प्र देश की छात्र/छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान किये जाने में माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीय विद्यालयों का अहम योगदान है वर्तमान में प्रदेश में 2295 राजकीय विद्यालय संचालित है जिसके सापेक्ष कतिपय विद्यालय अत्यधिक पुरातन होने के कारण जर्जर स्थिति में है सामान्यतः बजट में पुराने राजकीय विद्यालयों के जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण किये जाने हेतु समुचित प्रावधान न हो पाने के कारण कतिपय राजकीय विद्यालय जर्जर स्थिति में है तथा बजट अभाव के कारण कतिपय अन्य राजकीय विद्यालयों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं का सम्यक विकास नहीं हो सका है। अतः राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के जर्जर भवन के पुनर्निर्माण , विस्तार, विद्युतीकरण इत्यादि कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में संगत मद में रूo 100.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है

उक्त प्राविधानित धनराशि का पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से उपयोग सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा ”प्रोजेक्ट अलंकार“ योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है।

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